महू में मंगलवार की सुबह अचानक हलचल मच गई, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने शहर के प्रतिष्ठित पाथ इंडिया ग्रुप (Prakash Asphaltings & Toll Highways (India) Limited) के ठिकानों पर धावा बोल दिया। यह कार्रवाई किसी और नहीं बल्कि उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े एक हालिया बैंक लोन घोटाले की गहरी छानबीन का हिस्सा है।

करोड़ों के कॉन्ट्रैक्ट और ‘पैसे की हेराफेरी’ का शक
सूत्रों की मानें तो यह छापामारी सीधे तौर पर अनिल अंबानी पर हुई ED की पिछली कार्रवाई से जुड़ी हुई है। जाँच एजेंसी को शक है कि अनिल अंबानी की कंपनियों और पाथ ग्रुप के बीच कई कंस्ट्रक्शन करार हुए थे। शक जताया जा रहा है कि इन बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स की आड़ में सैकड़ों करोड़ रुपये की रकम एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट की गई। यह लेन-देन ही अब ED के रडार पर है और इसी ‘मनी ट्रेल’ की गहन जाँच की जा रही है।
महू और इंदौर में ताबड़तोड़ छापेमारी
ED की टीम पाँच से छह गाड़ियों के काफिले में इंदौर और महू स्थित पाथ इंडिया के घर और दफ्तरों पर पहुँची। यह ग्रुप हाईवे और टोल से जुड़े प्रोजेक्ट्स में काम करता है। गौरतलब है कि पाथ इंडिया पर करीब दस साल पहले भी आयकर विभाग (Income Tax) की तरफ से छापा पड़ चुका है।
कौन हैं पाथ इंडिया ग्रुप के मुख्य चेहरे?
जाँच के केंद्र में आए इस ग्रुप की कमान नितिन अग्रवाल के हाथों में है, जो इसके मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) हैं। उनके साथ निपुन अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, नीति अग्रवाल और संतोष अग्रवाल डायरेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभालते हैं। वहीं, आशीष अग्रवाल और आदित्य उपाध्याय इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं।
यह छापेमारी बताती है कि अनिल अंबानी से जुड़े कथित घोटाले की जाँच की आंच अब मध्य प्रदेश तक पहुँच चुकी है, और ED इस मामले की तह तक जाने के लिए कमर कस चुकी है।



                                    
