राहुल बोले: 50% से ज़्यादा आरक्षण के लिए कानून बनाएँगे

राहुल गांधी ने सोमवार को महू में आयोजित कांग्रेस की जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली को संबोधित किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में गंगा स्नान करने से गरीबी दूर नहीं होगी। भाजपा नेताओं में डुबकी लगाने की होड़ मची है।
उन्होंने कहा है कि मोदी जी जातिगत जनगणना कराने से डरते हैं। वे इसे कभी नहीं कराएंगे, लेकिन 50 फीसदी आरक्षण की दीवार को हम लोकसभा-राज्यसभा में तोड़ देंगे। कोई नहीं रोक सकता। हम पहले कांग्रेस शासित राज्यों में आरक्षण 50 परसेंट से ज्यादा करेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाकर इस दीवार को तोड़ेंगे।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दलितों,पिछड़ों और गरीब जनरल कास्ट के लोगों को एक बार फिर गुलाम बनाया जा रहा है।आईआईएम, आईआईटी के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।आपको कहां से मिलेगा।
राहुल गांधी के बयान के मुख्य बिंदु
1 संविधान के लिए:
संविधान से पहले इस देश में गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदवासियों के कोई अधिकार नहीं थे। अधिकार सिर्फ राजा-महाराजा के थे। वो बदलाव आजादी के दिन आया था। आपको जमीन दी गई। जमीन का हक दिया गया। अधिकार दिए गए। बीजेपी-आरएसएस आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहते हैं। आजादी के पहले सिर्फ अडाणी- अंबानी जैसे लोगों के अधिकार थे।
2 भाजपा के लिए:
भाजपा वालों ने चुनाव में कहा था 400 पार सीटें आएंगी। हम संविधान को बदल देंगे। जब हमारे कार्यकर्ता और हम खड़े हुए तो मोदी जी को संविधान पर मत्था टेकर अंदर घुसना पड़ा था। जिस दिन संविधान खत्म हो जाएगा, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं बचेगा।
3 आरएसएस के लिए:
कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान को 15 अगस्त 1947 में आजादी नहीं मिली। सच्ची आजादी मोदी जी के आने के बाद मिली। ये संविधान पर सीधा आक्रमण है। वो इस संविधान को नहीं मानते हैं। बीजेपी-आरएसएस आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहते हैं। आजादी के पहले सिर्फ अडाणी- अंबानी जैसे लोगों के अधिकार थे।
4 पीएम मोदी के लिए:
मोदी जी जातिगत जनगणना कराने से डरते हैं। वे इसे कभी नहीं कराएंगे, लेकिन 50 फीसदी आरक्षण की दीवार को हम लोकसभा-राज्यसभा में तोड़ देंगे। कोई नहीं रोक सकता। हम पहले कांग्रेस शासित राज्यों में आरक्षण 50 परसेंट से ज्यादा करेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाकर इस दीवार को तोड़ेंगे।