छावनी परिषद ने रहवासी भवन में दुकान चलाने पर 250 लोगों को थमाएं नोटिस, सात दिन में बंद नहीं किया तो लगेगा एक लाख रुपया जुर्माना
- कार्रवाई के विरोध में व्यापारियों ने खोला मोर्चा, कार्यालय अधीक्षक से नोटिस वापस लेने की रखी मांग
- करीब दो हजार व्यापारियों को नोटिस देने की तैयारी, पालन नहीं करने पर 10 हजार रुपए प्रतिदिन होगा लगेगा दंड
शहर के व्यापारियों को मिले एक नोटिस के बाद गुरुवार को बाजार में विरोध की चिंगारी उठने लगी। व्यापारी अपने दुकान-शोरुम छोड़कर छावनी परिषद पहुंचे और कार्रवाई का कड़ा विरोध जताया।/
दरअसल छावनी परिषद द्वारा शहर में बने आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित होने पर नोटिस थमाना शुरु किया गया। करीब 250 व्यापारियों को जब बुधवार-गुरुवार को नोटिस मिला। तो शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। दशकों से दुकानों का संचालन कर रहे व्यापारियों को एकाएक नोटिस देकर सात दिन में दुकान-शोरुम बंद करने की हिदायत दी गई। इसमें आवासीय भवन को दुकान में बदलकर व्यापार करने का उल्लेख किया गया। छावनी परिषद के कार्यालय अधीक्षक सतीश अग्रवाल ने बताया कि शहर में करीब दो हजार आवासीय भवनों को नोटिस देने की तैयारी है। इधर छावनी परिषद की कार्रवाई के खिलाफ एकजुट व्यापारी गुरुवार दोपहर छावनी परिषद कार्यालय पहुंचे। दोपहर करीब डेढ़ बजे व्यापारी सीईओ विकास कुमार से मुलाकात करने पहुंचें। सीईओ की अनुपस्थिति में व्यापारियों ने कार्यालय अधीक्षक सतीश अग्रवाल से चर्चा की। व्यापारी संगठन पदाधिकारी और भाजपा नगर अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल ने बताया कि सालों पूर्व से शहर के प्रमुख बाजार में व्यापारी अपनी दुकान संचालित कर रहे है। अब अचानक छावनी परिषद द्वारा पुराने नियमों का हवाला देकर दुकान बंद करने का नोटिस थमाया गया है। इससे शहर के बाजारों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। छावनी परिषद को ऐसी कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
19 साल पुराने 2006 के अधिनियम का हवाला

शहर में व्यापारियों को छावनी परिषद द्वारा जो नोटिस थमाया गया है। उसमें करीब 19 साल पहले 2006 के छावनी अधिनियम का हवाला दिया गया है। नोटिस में आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधियों को छावनी अधिनियम की धारा 244 का उल्लंघन बताया गया है।
शहर की 80 प्रतिशत दुकान नोटिस की जद में..

छावनी परिषद के कड़े नियमों के बीच व्यापार में कई तरह की व्यवहारिक दिक्कत आती है। जबकि कई दशक से कार्रवाई में शिथिलता के बीच सामान्य व्यवसाय संचालित हो रहा है। प्रमुख बाजारों की करीब 80 प्रतिशत दुकानें नोटिस की जद में आ रही है। नियमों की सख्ती से प्रमुख बाजार बंद होने की कगार पर पहुंच सकते है। छावनी परिषद द्वारा मेन स्ट्रीट, सांघी स्ट्रीट, मोती चौक, सराफा बाजार, गोकुलगंज, श्याम विलास, मोती महल सहित अन्य क्षेत्रों के घरों को नोटिस थमाया जा रहा है। कई बड़े कॉम्पलेक्स भी नोटिस की जद में आ रहे है। इसके साथ ही कई रहवासी भवनों को भी नोटिस थमा दिया गया।
एक लाख जुर्मानें के बाद 10 हजार रोजाना की पेनल्टी
व्यापारियों को मिले नोटिस में छावनी परिषद ने रहवासी भवनों में व्यवसायिक गतिविधियों पर जवाब मांगा गया है। सात दिन में जवाब नहीं देने पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाने की बात भी कहीं गई है। इसके बाद भी लगातार व्यवसाय करते रहने पर हर दिन 10 हजार रुपए का जुर्माना भी व्यापारियों पर लगाने का उल्लेख किया गया है।
- इनका कहना है।
- बोर्ड लेगा निर्णय
- छावनी अधिनियम 2006 की धारा 244 के उल्लंघन पर नोटिस थमाये गए है। सात दिन में नोटिस का जवाब मांगा है। जिसे बोर्ड की बैठक में रखकर आगामी निर्णय लिया जाएगा। – सतीश अग्रवाल, कार्यालय अधीक्षक, छावनी परिषद महू।