महू तहसील में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।नदियाँ और नाले उफान पर हैं, जबकि कई छोटी पुलियाओं के ऊपर से पानी बहने लगा है, जिससे कई गाँवों का संपर्क टूट गया है। महू से कुशलगढ़ जाने वाले रास्ते पर मोरल नदी की पुलिया भी पानी में डूब गई है, जिससे करीब 8 गाँवों – पिपलिया, गुवाड़ी, डमाली, कुशलगढ़, बेका, रसकुंडिया, उमठ और राजपुरा का संपर्क पूरी तरह कट गया है।
ग्रामीणों को अपनी दैनिक जरूरतों और काम के लिए मजबूरन जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करनी पड़ रही है। दूध और मावे जैसे उत्पादों को ले जाने वाले वाहन भी इसी खतरनाक रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई सालों से मॉनसून के चार महीनों में उन्हें इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। बोरखेड़ी गाँव के छात्रों को भी स्कूल जाने के लिए पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
बरोदा गाँव के प्रेमसिंह ने बताया कि पुलिया की ऊँचाई कम होने की वजह से पानी का बहाव तेज़ होने पर पुलिया का पता ही नहीं चलता। ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, लेकिन हर बार सिंचाई विभाग से अनुमति न मिलने की बात कहकर टाल दिया जाता है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, एसडीएम राकेश परमार ने आश्वासन दिया है कि वे इस स्थिति की जाँच करवाकर पुलिया को ऊँचा बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजेंगे।



                                    
