Tuesday, November 4, 2025

Top 5 This Week

spot_img

कार्तिक माह में दीपदान और दीपक प्रज्वलित करने का महत्व ।पंडित कपिल शर्मा काशी महाराज

कार्तिक महीने में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा और अज्ञानता दूर होती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और लक्ष्मी व भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है। दीपदान से पितृ तृप्त होते हैं, यम, शनि, राहु-केतु का प्रभाव कम होता है और धन व संतान की प्राप्ति होती है। तुलसी के पास दीपक जलाने से देवी तुलसी का आशीर्वाद मिलता है, जबकि मुख्य द्वार, मंदिर और रसोई के पास दीपक जलाने से धन-धान्य बढ़ता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:

अज्ञानता का नाश: दीपक का प्रकाश मन और आत्मा से अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है।

सकारात्मकता का आगमन: दीपक जलाने से जीवन में शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मुक्ति की प्राप्ति: कार्तिक मास में दीपक जलाने से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है और स्वर्गलोक में सुख भोगता है।

पितरों का तृप्ति: दीपदान करने से पितरों को सद्गति मिलती है और वे तृप्त होते हैं।

नवग्रहों की शांति: दीपदान से यमराज, शनि, राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और नवग्रहों की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
विघ्नों के नाश कार्य सिद्धि के लिए गणेश की के समक्ष या गणेश मंदिर में दीप दान करें
व्यावहारिक लाभ:

आर्थिक संपन्नता: घर के मुख्य द्वार, मंदिर और रसोई के पास दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

वातावरण की शुद्धता: जलते हुए दीपक से हानिकारक कीट-पतंग और विषाणु नष्ट होते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।

सुरक्षा और शांति: दीपदान से घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और खुशियों का वास होता है।

दीपक जलाने की विधियाँ:

भगवान विष्णु जी के समक्ष: कार्तिक मास में भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाने से सभी यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।

शिवजी के समीप: कार्तिक के अंतिम पांच दिनों में शिवलिंग के सामने दीपक जलाने से दाता स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है।

तुलसी के पास: घर के वास्तुशास्त्र के अनुसार, तुलसी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से देवी तुलसी का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
दीपदान शुद्ध गाय के घी से या शुद्ध देशी घी से करना चाहिए
तिल्ली का तेल मूंगफली सोयाबीन सरसों के तेल से भी दीप दान किया जा सकता है।।
दीप दान का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए घी एवं तेल का 100%प्रतिशत शुद्ध होना आवश्यक हे।
जय माई की जय जय जगदम्बे
पंडित कपिल शर्मा काशी महाराज 9630101010

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles