महू। महू में पिछले 28 सालों से लगातार गणेश उत्सव की अद्भुत छटा देखने को मिल रही है। यहाँ ‘श्री वल्लभ गणपति’ की स्थापना की जाती है, जिनकी पूजा-अर्चना का श्री क्रम पूरी तरह से पारंपरिक और विशेष होता है।

गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक चलने वाले इस उत्सव में शहर भर के लोग बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुँचते हैं। इस दौरान विशेष पूजा, जैसे दूर्वा से लक्ष अर्चन, और तर्पण किया जाता है। साथ ही, विद्वान ब्राह्मणों द्वारा श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ भी निरंतर चलता रहता है, जिससे यहाँ का वातावरण और भी भक्तिमय हो जाता है।

इस साल भी नासिक से विशेष तौर पर लाई गई गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई है। प्रतिमा मिट्टी से बनी है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती है। अनंत चतुर्दशी के दिन इस प्रतिमा का विसर्जन महेश्वर में विशेष पूजन और अर्चन के साथ किया जाता है।
पिछले 28 वर्षों से पंडित कपिल शर्मा(काशी महाराज)अपने डॉक्टर्स कॉलोनी निवास पर यह आयोजन कर रहे है
यह विशेष परंपरा महू की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है, जो हर साल भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।



                                    
