मकर संक्रांति सूर्य की उपासना का पर्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास की भी समाप्ति हो जाती है और सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऐसे शुभ संयोग में मकर संक्रांति पर स्नान, दान, मंत्र जप और सूर्य उपासना से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
आइए जानते हैं मकर संक्रांति का पुण्य और महापुण्य काल समय:
पुण्य काल का समय:
- 14 जनवरी 2025, मंगलवार, सुबह 08:40 से 12:30 तक
 
महा-पुण्य काल का समय:
- 14 जनवरी 2025, मंगलवार, सुबह 08:40 से 09:04 तक
 
अभिजीत मुहूर्त:
- दोपहर 12:09 से 12:50 तक
 
पुण्य-महापुण्य काल का महत्व:
- मकर संक्रांति पर पुण्य और महापुण्य काल का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।
 - मकर संक्रांति के पुण्य और महापुण्य काल में गंगा स्नान, सूर्योपासना, दान, मंत्र जप करने से व्यक्ति के जन्मों के पाप धुल जाते हैं।
 
विशेष कार्य और नियम:
1. स्नान:
- मकर सक्रांति वाले दिन सबसे पहले प्रातः किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
 - यदि यह संभव ना हो सके तो अपने नहाने के जल में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान किया जा सकता है।
 
2. सूर्योपासना:
- प्रातः स्नान के बाद उगते हुए सूर्य नारायण को तांबे के पात्र में जल, गुड़, लाल पुष्प, गुलाब की पत्तियां, कुमकुम, अक्षत आदि मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए।
 
3. मंत्र जप:
- सूर्य उपासना के बाद में कुछ देर आसन पर बैठकर मंत्र, नाम जप, श्री गीता के पाठ इत्यादि करने चाहिए।
 - अपने इष्ट देवी-देवताओं की भी उपासना करनी चाहिए।
 
4. गाय के लिए दान:
- पूजा उपासना से उठने के बाद गाय के लिए कुछ दान अवश्य निकालना चाहिए, जैसे- गुड़, चारा इत्यादि।
 
5. पितरों को याद करें:
- इस दिन अपने पूर्वजों को प्रणाम करना ना भूलें।
 - उनके निमित्त भी कुछ दान अवश्य निकालें।
 - इस दिन पितरों को तर्पण करना भी शुभ होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 
6. गरीब व जरूरतमंदों के लिए दान:
- इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को जूते, चप्पल (चमड़े के नहीं होने चाहिए), अन्न, तिल, गुड़, चावल, मूंग, गेहूं, वस्त्र, कंबल आदि का दान करें।
 - ऐसा करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
 
7. श्री हनुमान जी की उपासना:
- इस वर्ष मकर संक्रांति मंगलवार के दिन पड़ रही है।
 - श्री हनुमान जी की पूजा-उपासना करें।
 - श्री हनुमान जी के सिंदूर का चोला अर्पित करने से हनुमान जी की कृपा बनी रहती है।
 
8. परंपराओं का ध्यान रखें:
- मकर सक्रांति का त्यौहार मनाने में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग परंपराएं हैं।
 - अपनी परंपराओं और क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार मनाएं।
 
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